गेंदे का पौधा जो अपनी घर की बालकनी में लगाया है... वहीं तो मेरा हमराज, दोस्त है... क्योंकि उसी से तो... गेंदे का पौधा जो अपनी घर की बालकनी में लगाया है... वहीं तो मेरा हमराज, दोस्त है....
चलते है, ढूंढ़ते हैं एक नया आशियाना तेरे लिए। चलते है, ढूंढ़ते हैं एक नया आशियाना तेरे लिए।
दर दर भटकता रहता उसे दर नहीं मिलता, उस मोहल्ले में लाखों घर हैं लेकिन उसे घर नहीं मिलता!! दर दर भटकता रहता उसे दर नहीं मिलता, उस मोहल्ले में लाखों घर हैं लेकिन...
जो हुआ करते थे मेरे अकेलेपन के साथी इस अजनबी शहर में ....। जो हुआ करते थे मेरे अकेलेपन के साथी इस अजनबी शहर में ....।
घर आंगन कितना सुहाता था मन, आज शहरों में एक बालकनी में सिमट रह जाता तन। घर आंगन कितना सुहाता था मन, आज शहरों में एक बालकनी में सिमट रह जाता तन।
गम भूल जाने की एक ही दवा है चाय जिसे लेकर करीब लाते हो। गम भूल जाने की एक ही दवा है चाय जिसे लेकर करीब लाते हो।